अक्सर आप पर सवाल उठे हैं। आप की एकता से सभी डरते भी हैं। इसकी मिसाल भी देते हैं। अच्छी बात है की आप में इतनी एकता है। कहा भी जाता है कि एकता में ही शक्ति है। पर क्या यह शक्ति आप की सही दिशा में लग रही है ? क्या वाकई में आप इस शक्ति के माध्यम से देश में एक बेहतर उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। जिस तरह से पिछले कुछ महीनों में आप के द्वारा तमाम प्रकार के विरोध प्रदर्शन किये गए। जिसका खामियाजा उस इंसान ने भरा हो या नहीं जिसका आप विरोध कर रहे थे। पर आम जनता को उसने काफी हद तक बेहाल कर दिया। किसी की जान गई और किसी ने पहली सांस भी उसी जाम में ली। इस बार फिर से आप विरोध कर रहे। तहसील का ट्रान्सफर होना सही है या नहीं ये तो वही बता सकता है जिसका उससे अक्सर वास्ता पड़ता रहता है। ये भी सही है कि उसकी दूरी आप को भी खल रही है। पर जिस तरह का आप का विरोध है। जरा सोंचिये की इसकी वजह से न्यायालय में आने वाले फरियादियों को किन मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा। आप की मांगे जायज़ हो सकती हैं पर उसका विरोध सीधे आम जनता को कष्ट दे कर हो कहां तक सही है ये। आप खुद तय करें। पुलिस द्वारा आप पर हुए लाठीचार्ज को कोई भी सही नहीं मानता पर क्यों नहीं ऐसा रास्ता निकाला जाए जिससे आप के बुद्धजीवी होने के पद पर सवाल न खड़ा किया जाए। जिस तरह से आप की छवि पर उंगलियां उठने लगी हैं। ये आज तो नहीं पर आने वाली आप की ही नई पौध के लिए कितनी घातक साबित होगी इसका अनुमान आप खुद हि लगा सकते हैं। ऐसा न हो कि लोग अपने अधिकारों की लड़ाई के लिए आप का साथ लेने से भी कतराने लगें। इसके लिए बेहतर होगा कि समय रहते ही आप गंभीरता से इस पर विचार करें और अपने विरोध के तरीके को थोडा सा बदलें ताकि आप की मांगें भी पूरी हो सकें और आम जनता को भी कोई दिक्कत न हो।
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