भारत देश में एक अजीब सोंच काम करती है कि जो जितना ज्यादा बाहुबली है, जो जितना ज्यादा ताकतवार और पैसे वाला है वही राजनीति में आ सकता है और जीत सकता है। ऐसी सोंच शायद इस लिए भी है क्योंकि इन प्रभावशाली लोगों से ही शायद जनता काम की उम्मीद करती है। पर ऐसा है नहीं। भारत देश में राजनीति में आप इन सब के बल पर दाखिल तो हो सकते हैं पर आप कभी राजनीति के उच्च पद पर बैठ नहीं सकते। जनता इतनी भी भोली नहीं। इधर कई वर्षों से यह देखने को मिला कि संसद हो या विधानसभा सभी जगह आपराधिक पृष्ठ के लोग जनता के प्रतिनिधि के रूप में प्रवेश कर रहे। अगर किसी के खिलाफ कोई मामला चल भी रहा है तो न्यायपालिका की लम्बी प्रक्रिया के चलते उसका कोई नुक्सान नहीं होता। हाल के वर्षों में सर्वोच्च न्यायालय ने राजनीति को स्वच्छ बनाने की अनेक पहल की है। उसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए अब उसने हर हाईकोर्ट में एक विशेष बेंच बनाने का निर्देश दिया है, ताकि चुनाव याचिकाओं का जल्द-से-जल्द निपटारा हो। छत्तीसगढ़ में पराजित उम्मीदवार की याचिका पर निर्णय देते हुए जस्टिस जे. चेलामेश्वर और जस्टिस रोहिंटन एफ नरीमन की खंडपीठ ने कहा कि कोई सांसद या विधायक अवैध साधनों का इस्तेमाल करते हुए निर्वाचित हुआ हो, तो उसे एक दिन भी अपने पद पर नहीं रहना चाहिए। किंतु ऐसा बहुत कम होता है, जब निर्वाचित प्रत्याशियों के खिलाफ दायर चुनाव अर्जियों का निपटारा उनके कार्यकाल में हो जाए। सुप्रीम कोर्ट ने इस संदर्भ में दो अहम बातें स्वीकार कीं। पहली यह कि इस देर से न्यायिक प्रक्रिया का मखौल उड़ता है और दूसरे यह कि इससे न्यायपालिका की आलोचना की वजह मिलती है, जिससे उसकी साख प्रभावित होती है। अब न्यायपालिका ने अपनी और विधायिका दोनों कि साख को सुरक्षित करने का प्रयास किया है। खंडपीठ का यह सुझाव भी स्वागतयोग्य है कि उच्च न्यायालयों में प्रस्तावित विशेष पीठ में शामिल न्यायाधीशों पर चुनाव अर्जी की सुनवाई पूरी होने तक दूसरे कामकाज का बोझ न डाला जाए। उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों ने अगर तत्परता से इन निर्देशों पर अमल किया तो देश एक बड़ी न्यायिक विसंगति से बच जाएगा। देश की राजनीति और न्यायपालिका के लिए सर्वोच्च न्यायालय का यह निर्णय बेहद ही सराहनीय है। और शायद भारत देश की जनता इस निर्णय के चलते एक बेहतर राजनीति का स्वरुप देख सकेगी। इसका ध्यान ज़रुर रहे कि इस सपने को पूरा करने में आम जनता की भी भागीदारी है।
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