अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बन गए हैं। दिल्ली के उप-राज्यपाल नजीब जंग ने रामलीला मैदान में केजरीवाल को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। केजरीवाल के बाद मनीष सिसोदिया, असीम अहमद खान, संदीप कुमार, सत्येंद्र जैन, गोपाल राय और जीतेंद्र सिंह तोमर ने मंत्री के रूप में शपथ ली। शपथ ग्रहण के बाद रामलीला मैदान के मंच से केजरीवाल ने लोगों को संबोधित किया । उन्होंने कहा, हमें अहंकार से बचना होगा। लोकसभा चुनाव लड़ना हमारा अहंकार था। आने वाले पांच साल दिल्ली की सेवा करूंगा। राज्य के विकास में कोई कसर न छोड़ने का संकल्प लिया। उन्होंने दिल्ली को देश का पहला भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाने का संकल्प भी लिया। अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए भी हर संभव प्रयास करने का संकल्प लिया। सभी पुलिस वालों और अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि अगर कोई टोपी वाला बदमाशी करता है तो उसे तुरंत जेल में डाल देना। कानून में जितनी सजा तय है, उससे दोगुनी सजा उसे देना। केजरीवाल के भाषण को सुनकर सभी जनता उम्मीदों से भरी हुई है। दिल्ली की जनता को लगता है की जिस तरह से केजरीवाल ने अपने पास एक भी मंत्रालय न रख कर जनता से सीधे संवाद करने और हर मंत्री के कामों की माॅनिटरिंग करने का जो प्रयोग किया है वो शायद बेहतर कदम है। साथ ही दिल्ली की जनता भी कहीं न कहीं केंद्र और राज्य में एक ही दल की सरकार को पसंद नहीं कर रही थी। इस पर अरविन्द केजरीवाल का एजेंडा दिल्ली की जनता को भा रहा है। पर अगर अरविन्द केजरीवाल के एजेंडे को यतार्थ में ला कर देखा जाए तो शायद ये उतना भी आसान नहीं है जितना कि अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली की जनता को बता रखा है। अगर हम देखें तो दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाना दिल्ली की सरकार को भले ही सही लग रहा हो पर इसका असर दिल्ली के विकास पर विपरीत पडेगा। पुरे देश में दिल्ली एक मात्र ऐसा राज्य है जिसे हर प्रदेश से ज्यादा फण्ड केंद्र सरकार देती है। क्योंकि दिल्ली देश की राजधानी है और इस पर केंद्र सरकार का विशेष ध्यान होता है। अब आइये वाईफाई और फ्री बिजली के मुद्दे पर तो पूरी दिल्ली में बिजली निजी कंपनी के माध्यम से दी जाती है और उस पर अपने नियम लगाना इतना आसान नहीं होगा। ऐसे में केजरीवाल जी आप से ये उम्मीद की जाती है की आप इन सभी विपरीत परिस्तिथियों के होते हुए भी अपने वादे को पूरा करने में कामयाब होंगे और दिल्ली के भरोसे को कायम रखेंगे। इस बात का जरुर ध्यान रखियेगा कि दिल्ली की जनता का मिजाज बार बार भरोसा करने का नहीं है।
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