बुधवार, 14 अक्टूबर 2015

ऐसे किरदार को सलाम

जिंदगी में बड़ी शिद्दत से निभाओ अपना किरदार। पर्दा गिरने के बाद भी तालियां बजती रहें।" कर्नल एमएन राय का ये आखरी वाट्सेप स्टेटस ना जाने क्या क्या कह गया | शायद ये सन्देश उन्होंने ने आने वाली पीढ़ी के लिए ही लिखा था | ये सन्देश उन्होंने सिर्फ दिया ही नहीं बल्कि इस सन्देश को अपनी सहादत से साबित भी किया | जम्मू कश्मीर में आतंकियों से लड़ते हुए जब इन्होने अपनी जान देश के लिए दान की तब से ही अभी तक देश का हर हाँथ उनकी सहदात को सलाम कर रहा है और आप की बहादुरी पे हर इंसान अभी भी सम्मान की तालियाँ बजा रहा है | कर्नल एमएन राय और जम्मू-कश्मीर पुलिस के हेड कांस्टेबल संजय सिंह के लिए हम ये नहीं लिखना चाहते हैं की आप ने अपनी जान गवां कर देश की रक्षा की है बल्कि ये लिखना चाहता हूँ की आप ने ये आज भी सिद्ध किया है की अभी भी उसी जोश के साथ देश की आन बान शान की रक्षा करने वाले बहुत हैं पर इस दुःख में सुखद तब महसूस हुआ जब कर्नल एमएन राय की बेटी ने पुरे फौजी अंदाज़ में आप को सलाम कर सम्मान दिया | आप का बेटी को दिया गया सन्देश की बीटा आस्मां में उड़ना चाहती हो तो उड़ना ज़रूर देश की हर माँ बाप को दिया वो सन्देश है जो आज भी बेटियों को बोझ समझ रहे | 
आखिर ऐसा क्यूँ है की एक फौजी, एक सिपाही की मौत हमें इतना कुछ सिखाती है ? क्यूँ नहीं हम आप भी देश की आन बान शान के लिए  उसी जोश के साथ अपना कार्य करते? एक फौजी की शहादत हमें ना जाने क्या क्या सीख दे कर जाती है पर फिर भी हम आप उस शहादत को बस अखबार की सुर्खियाँ रहने तक याद रखते हैं |
आइये हम आप भी इस शहादत को सिर्फ एक शहीद की मौत की तरह ना देखें ना ही उनकी मौत पर गर्व करें क्यूँ की वो शहीद आप से गर्व महसूस करने की अपेक्षा नहीं करता बल्कि वो आप गर्व महसूस कराएँ ये अपेक्षा करता है |

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