शुक्रवार, 16 अक्टूबर 2015

ये कैसी दोस्ती

कुछ सालों पहले की बात है जब ऑस्ट्रेलिया में भारतीय मूल के लोगों पर हमले हो रहे थे। कई भारतीय मारे भी गए। ये एक अजीब सी दुश्मनी थी। क्यों थी ये पता नहीं चल सका। एक फिल्म कुछ समय पहले देखी थी जिसमे की एक हिन्दुस्तानी परिवार को विदेश में इस कदर परेशान किया जाता है कि उस परिवार के लोग ही नहीं बल्कि वहां रह रहा हर हिन्दुस्तानी परिवार खौफजदा है। उस परिवार का एक लड़का जो कुछ ही समय पहले हिन्दुस्तान से उस देश में रहने जाता है उसको ये पसंद नहीं आता और वो उन विदेशियों से लड़ने लगता है। जो उसके परिवार को परेशान करते हैं। पूरी फिल्म इसी पर आधारित होती है। अंत में उस फिल्म में हिन्दुस्तानी लड़का उन विदेशी गुंडों को पचीसवें मुक्के में मार गिरता है। पूरी फिल्म में नफरत तो दिखाई गई पर कारण क्या था ये नहीं पता चल सका। अमेरिका में महाशिवरात्रि के दिन पता चला कि एक मंदिर में कुछ लोगों ने तोड़ फोड़ की और दिवार पे लिख दिया गेट आउट। फिर वही सवाल की आखिर क्यों ? हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत देश के गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में आये थे। उन्होंने भारत देश को एक बेहतरीन देश बताया। और ये माना भी जा रहा था कि अमेरिका और भारत के दोस्ती के ये हांथ जरुर पुरे विश्व के सामने एक मिसाल कायम करेंगे साथ ही दोनों ही देशों के लिए ये बेहतर कदम है। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत से जाते जाते ये जरुर कह गए कि भारत को धर्म निरपेक्ष राष्ट्र बनना चाहिए और धर्म के नाम पर किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं दिखना चाहिए। भारत से जाने के बाद भी उन्होंने एक बार फिर भारत की यात्रा के अनुभव बताते हुए इस वाक्य को दोहराया। ओबामा जी की ये बात वाकई में काबिलेतारीफ हैै। पर ओबामा जी ये बतायंे की जिस तरह से अमेरिका और भारत एक दुसरे की तरफ दोस्ती को घनिष्ट करने में लगे हुए हैं वहीं अमेरिका में मंदिर पर हुए हमले और गेट आउट जैसे शब्दों का प्रयोग कहा तक उचित है। क्या वाकई में हम एक दुसरे के करीब आ रहे? क्या वाकई में धर्म निरपेक्षता की कमी सिर्फ भारत में ही है अमेरिका में नहीं ? ये जरुर है की दोनों देशों की सरकारें रिश्ते मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहीं। पर क्या दोनों देशों के नागरिक धर्म निरपेक्ष हो कर एक दुसरे को अपना पा रहे हैं ? 

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