बुधवार, 14 अक्टूबर 2015

राजनीति या धननीति

जब तक ये साँसें है तब तक आप का दामन नहीं छोडूंगा........ ये पार्टी नहीं मेरा घर है........
ऐसे न जाने कितने नारे हैं जो हर नेता अपनी पार्टी और अपने नेता के लिए हर मंच हर सभा में कहते नहीं थकता। पर अचानक ऐसा क्या होता है कि उसका उस पार्टी में दम घुटने लगता है और वही नेता जो कल तक उसका आदर्श था जिसके नेतृत्व में वो देश की गरीबी को खत्म करने की कसमें खाता था आज वही उसके लिए इस देश का सबसे बइ़ा दुश्मन लगने लगता है, उसे वो नेता नहीं बल्कि जनता का लुटेरा दिखने लगता है।
हाल ही में बहुजन समाज पार्टी से कई बडे नेता पार्टी से ये कहते हुए अलग हो लिए की पार्टी में अब विचारों की नहीं बल्कि धन की राजनीति हो रही है। उधर पार्टी से बयान आता है कि इनको पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने के कारण निष्कासित किया जाता है। ऐसा नहीं है कि ये सिर्फ एक पार्टी का हाल है। ऐसे पार्टी के लिए मर मिटने और उसके माध्यम से देश के विकास करने की कसमें खाने वाले बहुतेरे नेता रहे हैं और अभी भी हैं जो पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते निकाले जाते रहे हैं और बाद में वो पार्टी छोड़ने का ऐलान कर देते हैं। या फिर वो पार्टी छोड़ते हैं तो पार्टी बाद में उन पर आरोप लगा के अपने आप को सही बताती है। अब सवाल ये है कि आखिर इसमें क्या दिक्कत वाली बात है कोई भी पार्टी छोड़े या निकाला जाए। क्या फर्क पड़ता है? फर्क पड़ता है। जब हम इस व्यवस्था में है कि देश के विकास का रास्ता तय करने की पूरी जि़म्मेदारी इन राजनैतिक दलों को ही दे रखी है तब इनके अन्दर के इन कार्यों ने खुद इन्हें कटघरे में खड़ा कर दिया है कि आखिर एकाएक ऐसा क्या हो जाता है कि नेता को पार्टी त्यागनी पड़ती है और वही नेता जिसकी तारीफों के पुल बांधते नहीं थकते थे आज वही नेता देश की विचारधारा और पार्टी की विचारधारा का सबसे बड़ा विरोधी दिखता है और पार्टी ये तो बताती है कि फलां नेता को पार्टी से इसलिए निकाला जा रहा है क्योंकि उसे पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाया गया। भाई ये भी तो बताते कि आखिर वो गतिविधियां क्या थीं जो एका एक पार्टी के विरुद्ध हो गईं। ये ख़बरें जब-जब अखबार की सुर्खियां बन रही है तब-तब भारत की राजनीति पर खतरा बढ़ता जा रहा है कि आखिर किस समाज को आप बनाने की बात करते हैं। उम्मीद है कि राजनीति की कोई अच्छी परिभाषा आप दें और हमें भी अखबार की सुर्खियों में आप को पढ़ कर गर्व महसूस हो।

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