शुक्रवार, 16 अक्टूबर 2015

क्या वाकई बेदी मोदी का जादू चलेगा ?

गुजरात में लगातार तीन बार पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने के बाद पुरे देश को लगने लगा की नरेन्द्र मोदी ने वाकई गुजरात में कमाल का काम किया है। गुजरात माॅडल ही देश के लिए बेस्ट माॅडल होगा। शायद इसी लिए लोक सभा के चुनाव में पुरे देश ने एक तरफा वोट करके बीजेपी को पहली बार पूर्ण बहुमत से जीत दिला कर इतिहास रच दिया। सारी पार्टियां ये समझ ही नहीं पा रही थीं कि आखिर क्या ऐसा किया जाए की मोदी मैजिक खत्म हो जाये। जो कभी नहीं हुआ वो भी बिहार में देखने को मिला की लालू और नितीश एक साथ एक मंच पर आये। पर उसके बाद भी मोदी के जादू को रोकना मानो इन सब के बस में ही नहीं रह गया। लोकसभा चुनाव के बाद भी विभिन्न राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा के प्रदर्शन से यह दिखा कि मोदी के राष्ट्रीय नेतृत्व में राज्यों के विधानसभा चुनाव जीते जा सकते हैं। महाराष्ट्र में चुनाव हुए या जम्मू कश्मीर में सब जगह बीजेपी ही निर्णायक पार्टी रही। पर अब जब दिल्ली के चुनाव की बारी है तो क्यों ऐसा लग रहा की बीजेपी को बहुत ही मजबूत टक्कर मिल रही। क्या वाकई आप पार्टी इस मजबूती के साथ काम कर रही कि वो चुनाव में कुछ बड़ा कर सकेगी। इसकी चिंता हम आप को ही नहीं बीजेपी को भी खाए जा रही शायद इसी लिए किरण बेदी को केजरीवाल के खिलाफ मुख्यमंत्री पद के लिए खड़ा किया गया है। 
सर्वों की माने तो अरविंद केजरीवाल की लोकप्रियता में कमी तो आई है, पर वह सत्ता की दौड़ में कायम हैं। भाजपा और उनके बीच का अंतर ज्यादा का नहीं है। बेशक पिछली बार सत्ता जल्दी छोड़कर जाने के कारण आम मतदाताओं में उन्हें लेकर नाराजगी है, पर आम आदमी पार्टी द्वारा उठाए गए मुद्दों से वे सहमत हैं। विशेष रूप से राज्य के गरीब मतदाता और पिछड़े तबके के कामकाजी लोग आप को अपने बीच की ही एक पार्टी मानते हैं। जिस तरह किसी जमाने में ‘दमकिपा’ (दलित मजदूर किसान पार्टी) के नाम में जो जोर था, वही सम्मोहन अब ‘आप’ में सर्वहारा वर्ग के लिए है। ऐसे में जमी-जमाई पार्टियों के लिए आप की चुनौती से पार पाने के लिए बड़े चेहरे की तलाश स्वाभाविक है। और यही कारण रहा कि बीजेपी को अपने दिल्ली के सभी पुराने नेताओं को दर किनार कर अरविन्द केजरीवाल की ही पुरानी साथी किरण बेदी को उनके खिलाफ लाना पड़ा। ये प्रयोग भी कितना काम करेगा इसका पता चुनाव के निर्णय आने के बाद ही चलेगा।   

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